Wednesday, 11 June 2014

भानगढ़ एक अनसुलजी कहानी

किले का इतिहास यह किला अम्बेर के महान मुगल सेनापति,मान सिंह के बेटे माधो सिंह द्वारा 1613 में बनवाया गया था। राजा माधो सिंह अकबर की सेना के जनरल थे। ये किला जितना शानदार है उतना ही विशाल भी है, वर्तमान में ये किला एक खंडहर में तब्दील हो गया है। किले में प्राकृतिक झरने, जलप्रपात, उद्यान, हवेलियां और बरगद के पेड़ इस किले की गरिमा को और भी अधिक बढ़ाते हैं। साथ ही भगवान सोमेश्वर, गोपीनाथ, मंगला देवी और केशव राय के मंदिर धर्म की दृष्टि से भी इसे महत्त्वपूर्ण बनाते हैं।

किले के इतिहास को बयां करती एक खौफनाक कहानी
 भानगढ़ की राजकुमारी रत्‍नावती जो बेहद खुबसुरत थी और उनके रूप की चर्चा पूरे राज्‍य में थी वो एक तांत्रिक की मौत का कारण बनी क्योंकि तांत्रिक राजकुमारी से विवाह करना चाहता था। राजकुमारी से विवाह न होने के कारण उसने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मरने से पहले भानगढ़ को तांत्रिक से ये श्राप मिला क‍ि इस किले में रहने वालें सभी लोग जल्‍द ही मर जायेंगे और ताउम्र उनकी आत्‍माएं इस किले में भटकती रहेंगी। उस तांत्रिक के मौत के कुछ दिनों बाद ही भानगढ़ और अजबगढ़ के बीच जंग हुई जिसमें किले में रहने वाले सारे लोग मारे गये। यहां तक की राजकुमारी रत्‍नावती भी उस श्राप से नहीं बच सकी और उनकी भी मौत हो गयी। तब से लेकर आज तक इस किले में रूहों ने अपना डेरा जमा रखा है।

  भानगढ़ के बारे में एक अन्य मिथक
भानगढ़ के सम्बन्ध में एक अन्य कहानी ये भी है क‍ि यहाँ एक तपस्वी बाबा बालानाथ और राजा अजब सिंह के बीच किसी बात को लेकर एक समझौता हुआ था, जिसे बाद में राजा ने नहीं माना और बाबा ने उसे श्राप दे दिया की इस किले में कोई भी जीवित नहीं रहेगा और जो यहां आयगा वो मार जायगा। तब से लेकर आज तक ये किला यूं ही वीरान पड़ा है और आज भी इसमें भूत हैं। लोगों का मानना है कि यही कारण था कि किले को इसके निर्माण के तुरन्त बाद ही छोड़ दिया गया था, और शहर प्रेतवाधित होने की वजह से सुनसान हो गया।

अब कौन करता है किले की हिफाज़त
 फिलहाल इस किले की देख रेख भारत सरकार द्वारा की जाती है। किले के चारों तरफ आर्कियोंलाजिकल सर्वे आफ इंडिया (एएसआई) की टीम मौजूद रहती हैं।

वास्तुशास्त्री के अनुसार 

वास्तुशास्त्री ने देखा कि इस किले के अन्दर नैऋत्य कोण (दक्षिण पश्चिम कोण) नीची और नमी वाली है। दीवारों पर से पपड़ियां उतरी हुई हैं। नैऋत्य कोण के दक्षिण पश्चिम भाग बढ़े हुए हैं।
ईशान कोण (उत्तर पूर्व) में भी वास्तु दोष है इन दोषों के कारण ही भानगढ के किले में नकारात्मक उर्जा का प्रवाह हो रहा है। इससे भूत-प्रेत एवं भय की अनुभूति होती है।





Monday, 9 June 2014

बीवी-बच्चों को सैलरी देकर बचाइए टैक्स

जयपुर। अक्सर कहा जाता है कि बीवी-बच्चे बहुत टेंशन देते हैं और खर्चा बढ़ाते हैं। 

लेकिन क्या आपको पता है कि टैक्स की बचत के मामले में आपके बीवी-बच्चे बड़े काम के साबित हो सकते हैं?

जी हां, यह सच है। अगर आप कारोबारी हैं, कारोबार में परिवार वालों की मदद लेते हैं और उन्हें सैलरी नहीं देते, तो आज से ही उन्हें सैलरी देनी शुरू कर दीजिए। 

उन्हें दी जाने वाली पगार आपके टैक्स में बड़ी बचत कर सकती है। आयकर के जानकारों का कहना है कि अगर आपके परिवार के सदस्य आयकर के दायरे में नहीं आते या आयकर के निचले दायरे में आते हैं, तो उन्हें मासिक वेतन का भुगतान करने से निश्चित तौर पर आयकर में आपको खासी बचत हो सकती है। वैसे, आपको इन कुछ बातों का ध्यान रखना ही होगा।

यह कहता है कानून
फैमिली बिजनेस के मामले में सिर्फ पति, पत्नी, बच्चे, भाई, बहन व खून के रिश्ते को ही आयकर छूट के लिहाज से वैध माना जाता है

पार्टनरशिप कम्पनी में 20 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले साझीदारों के संबंधियों पर किए गए खर्च में ही आयकर मे छूट मिलेगी

लिमिटेड कंपनी के मामले में कंपनी में 20 फीसदी से ज्यादा वोटिंग अधिकार रखने वालों को ही संबंधियों में गिना जाएगा

अगर बीवी तकनीकी रूप से शिक्षित या योग्य नहीं है, तो उसे दी जाने वाली सैलरी पर टैक्स में छूट मिलने की संभावना कम हो जाती है
अगर आयकर अधिकारी को लगता है कि किया गया खर्च समझ के परे या ज्यादा है, तो वह इस खर्च को नकार भी सकता/सकती है

सैलरी या खर्च हमेशा चेक से किया जाना चाहिए न कि कैश से, तथा टैक्स दायरे में आने वाले कर्मचारी को आयकर रिटर्न भरना चाहिए -

राजस्थान के लिए विशेष पैकेज की जगी आस

जयपुर । राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण के जरिए सोमवार को सामने आए केन्द्र सरकार के एजेंडे से राजस्थान को विशेष्ा पैकेज की उम्मीद जागी है।

अपने अभिभाष्ाण में राष्ट्रपति ने तटीय, पर्वतीय और रेगिस्तानी राज्यों की विशेष आवश्यताओं को पूरा करने के लिए विशेष विकास मॉडल विकसित करने की बात कही है।

ऎसा होता है तो राजस्थान को रेगिस्तानी राज्य होने के नाते विकास के लिए विशेष पैकेज मिल सकता है। अभिभाषण में करीब 13 ऎसे मुद्दे हैं, जिनसे राजस्थान को सीधे-सीधे फायदा मिलने की उम्मीद है।

रेगिस्तानी राज्य होने के नाते राजस्थान अर्से से विशेष राज्य के दर्जे की मांग करता रहा है। केन्द्र की पिछली सरकार के समय पिछड़े राज्यों की सूची में भी राजस्थान शामिल था, लेकिन उस पर भी कुछ नहीं हुआ।

अब केन्द्र की नई सरकार ने अभिभाषण के जरिए पेश अपने एजेण्डे में तटीय, पर्वतीय और रेगिस्तानी राज्यों के लिए विकास का मॉडल विकसित करने की बात कही है। देश में राजस्थान सबसे बड़ा रेगिस्तानी राज्य है, इसलिए यहां का दावा सबसे मजबूत है।

अन्य मुद्दे, जिनसे राज्य को मिल सकता है फायदा
जल सुरक्षा को प्राथमिकता
राजस्थान में पानी सबसे बड़ी समस्या है। कृषि पूरी तरह सिंचाई पर आधारित है। सरकार नदियों को जोड़ने की दिशा में काम शुरू कर चुकी है। पानी के लिए केन्द्र से विशेष्ा पैकेज भी मांगा जा चुका है।

हर हाथ को हुनर के लिए नेशनल मल्टी स्किल मिशन
राज्य सरकार ने 15 लाख रोजगार देने का वादा किया है। युवाओं में स्किल्स डवलपमेंट के लिए अलग संस्था बनाई गई है। केन्द्र सरकार से इस सस्था को विशेष्ा मदद मिलने की उम्मीद है।

हाई स्पीड ट्रेनों की हीरक चतुर्भुज योजना
इस योजना में जयपुर पहले ही शामिल किया जा चुका है।

डेडीकेटेड फ्रेट और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर
दिल्ली-मुम्बई इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर का 40 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान से होकर गुजर रहा है, अभी काम की गति धीमी है। केंद्र सरकार तेजी लाती है तो फायदा हो सकता है।

जनजातीय क्षेत्रों के लिए वन बंधु कल्याण योजना 
प्रदेश के चार-पांच जिले आदिवासी बहुल जिले हैं, जिन्हें इस योजना के तहत लाभ मिल सकता है।

सौ वल्र्ड क्लास शहर
जयपुर को पहले ही वल्र्ड क्लास शहर बनाने की कवायद चल रही है। जोधपुर व उदयपुर को योजना में शामिल किया जा सकता है।

प्रवासी भारतीयों को प्रोत्साहन
प्रवासी भारतीयों में लक्ष्मी निवास मित्तल जैसे उद्यमी भी हैं और खाड़ी देशों में काम करने वाले श्रमिक भी। इन्हें प्रेरित किया जाता है तो राजस्थान को लाभ मिल सकता है।

50 टूरिस्ट सर्किट 
राजस्थान का पर्यटन क्षेत्र में विशेष्ा महत्व है। ऎसे में यह सम्भव नहीं है कि 50 टूरिज्म सर्किट में यहां के क्षेत्र शामिल न हों।

राष्ट्रीय सौर मिशन का विस्तार
सौर ऊर्जा के मामले में राजस्थान से बेहतर कोई जगह पूरे देश में नही है। सौर ऊर्जा मिशन का विस्तार होता है तो राजस्थान को सबसे ज्यादा फायदा होगा।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना
भू्रण हत्या मामलों में राजस्थान बहुत आगे है और महिला शिक्षा में काफी पिछड़ा है। केन्द्र की इस योजना से भी राजस्थान को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है।

पूर्व सैनिक आयोग का गठन
सेना में राजस्थानियों की संख्या बहुत बड़ी है। ऎसे में पूर्व सैनिकों के लिए कुछ किया जाता है तो राजस्थान के बहुत लोगों को इससे लाभ मिलेगा।

Saturday, 7 June 2014

राजस्थान की प्रमुख अकादमियाँ सांस्कृतिक केन्द्र व् संस्थान

जयपुर
              पंचायत राज प्रशिक्षण केन्द्र। शासन सचिवालय।
              राजस्थान उच्च न्यायालय की खण्डपीठ। राजस्थान संगीत संस्थान1950
              गुरु नानक संस्थान -1969 जयपुर कत्थक केंद्र -1978
              राजस्थान पर्यटन विकास निगम। राजस्थान स्कूल ऑफ़ आर्ट्स "मदरसा -ए -हुनरी "1866 .
              राजस्थान ललित कला अकादमी -1957
              राजस्थान हिंदी ग्रन्थ अकादमी -1969 . रविन्द्र रंगमंच'-1963  रामनिवास बाग में.
              जवाहर कला केंद्र। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान।


बीकानेर
              राजस्थानी भाषा ,साहित्य एवं संस्कृति अकादमी 1993 में।
              बेर अनुसंधान केन्द्र एवं खजूर अनुसंधान केन्द्र।
              राजस्थान कृषि विश्व विद्यालय। 
              केंद्रीय ऊँट अनुसंधान केन्द्र(जोहड़बीड़ )
              राजस्थान राज्य अभिलेखागार -1966 (पहले जयपुर 1955 में)
              राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा निदेशालय।


जोधपुर
              राजस्थान संगीत नाटक एकेड़मी -1957.
              राजस्थान प्राच्य विद्या संस्थान -1950 -51
              मीरा बाई अखिल भारत आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स )
              केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (कजरी)
              राष्ट्रीय कला मण्डल। रूपायन शोध संस्थान (बोरून्द) 1960
              राजस्थानी शोध संस्थान।राजस्थान उच्च न्यायालय।


भरतपुर 
              राजस्थान सरसों अनुसंधान केन्द्र (सेवर )
              सिमको वेगन फैक्ट्री। ब्रज भाषा अकादमी (राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी जयपुर में भी है।


चूरू 
               नगर श्री शोध लोक संस्कृति शोध संस्थान (1964 सुबोध कुमार अग्रवाल द्वारा।


 उदयपुर 
               भारतीय लोक कला मण्डल 1952 में पदमश्री प्राप्त देवी लाल सामर द्वारा स्थापित।
               राजस्थान साहित्य अकादमी 28 जनवरी 1958 सर्वोच्च पुरस्कार मीरां पुरस्कार।
               पश्चिम क्षेत्र का संस्कृति केंद्र -1986
               माणिक्य लाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं परीक्षण संस्थान।
               राजस्थान राज्य खान एवं खनिज विकास निगम। राष्ट्रिय आयुर्वेद शोध संस्थान


अजमेर  
               मद्यमिक शिक्षा बोर्ड का कार्यालय। राजस्थान लोक सेवा आयोग। राजस्थान राजस्व मण्डल।
               एकलव्य नाट्य संस्थान (ब्यावर ) मगरा लोक मण्डल।


टोंक
                केंद्रीय भेड़ प्रजनन एवं ऊन अनुसंधान संस्थान (अविकानगर मालपुरा )
                अरबी फ़ारसी शोध संस्थान (कसर इल्म ) 4 दिसम्बर 1978 मौलाना अब्दुल कलाम द्वारा स्थापित            

 

           




             

उम्मेद भवन जोधपुर




प्रदेश के जिलो के आधुनिक नाम

गंगानगर
              राजस्थान का अन्नागार
हनुमानगढ़
               फलो की टोकरी
बीकानेर
              ऊन का घर
जैसलमेर
                राजस्थान का अण्डमान
                राजस्थान की स्वर्ण नगरी
                पीले पत्थरो का शहर
               रेगिस्तान का गुलाब
               पंखो की नगरी
               म्यूजियम सिटी
बाड़मेर
             राजस्थान का खजुराहो (किराडू)
 सिरोही
             राजस्थान का शिमला
राजसमन्द
               राजस्थान की थर्मोपोली
 उदयपुर
              मेवाड़ ,मेदपाट ,झीलों की नगरी। राजस्थान का कश्मीर ,पूर्व का वेनिस
             सैलानियों का स्वर्ग , फाउंटेन मॉउंटेन का शहर
             लेक सिटी ऑफ़ इंडिया एशिया का वियना ऑस्ट्रेलिया जैसी आकृति
डूंगरपुर
            पहाड़ो की नगरी
चित्तौड़गढ़
              राजस्थान का गौरव
कोटा
            राजस्थान का कानपूर
            शिक्षा का तीर्थ स्थल ,राजाथान का नालंदा औधोगिक नगरी
झालावाड़
             राजाथान का नागपुर ,चरपूंजी
बांरा
            मिनी खजुराहो (भंडदेवरा ),वराह नगरी
अजमेर
             राजाथान का ह्रदय ,राजाथान का नाका ,राजपुताना की कुँजी ,भारत का मक्का अरावली का अरमान
करौली
           डाँग की रानी      
बूंदी
           बावड़ियों का शहर ,कशी
 धौलपुर
           रेड डायमंड ,राजाथान का पूर्वी प्रवेश द्वार
भरतपुर
            राजाथान का प्रवेश तथा पूर्वी  सिंह द्वार
अलवर
          राजाथान का सिंह द्वार राजथान का पूर्वी कश्मीर
जयपुर
          पूर्व का वेनिस ,पिंक सिटी ,सिटी ऑफ़ आइस लैंड ,हेरिटेज सिटी,रंग दीप
          रत्न,पन्ना नगरी राजाथान की राजथानी
झुंझुनू
          तांबा नगरी ,तांबा जिला
जोधपुर
          राजाथान की सूर्य नगरी

       


           

राजस्थान का विश्व में स्थान

जयपुर
                 विश्व में सबसे बड़ी सूर्य घड़ी "सम्राट यंत्र "जंतर -मंतर वेधशाला में
                 पन्ने रत्न की अंतर्राष्ट्रीय मंडी
                 सबसे बड़े दो चाँदी के पात्र "सिटी पैलेस" में
                 क्रिकेट की सबसे बड़ी ट्रॉफी
हनुमानगढ़
                 विश्व में कपास की खेती ,शल्य चिकित्सा ,लकड़ी की नाली ,भूकम्प एवं जुते हुए खेतो के साक्ष्य
                 कालीबंगा से प्राप्त हुए।
बीकानेर
                 विश्व का सबसे बड़ा सयुंक्त शस्त्र प्रशिक्षण सुविधा केंद्र स्थापित।
जोधपुर
                विश्व का एक मात्र'  "खेजडली"  वृक्ष मेला
                विश्व का एक मात्र बड़ा रिहायशी महल "उम्मेद भवन "
जैसलमेर
               विश्व  सबसे बड़ा -भूमिगत पुस्तकालय संत श्री हरवंश सिंह "निर्मल "के नेतृत्व में पोकरण में
                स्थापित किया गया।
उदयपुर
                विश्व में पहली बार सौर ऊर्जा से संचालित नाव पछोला झील में चलाई गई।
                विश्व की सबसे बड़ी पगड़ी बागोर की हवेली में रखी गई  है।
               जयसमन्द झील विश्व की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील में से एक है।
डूंगरपुर
              एक मात्र वेणेश्वर महादेव का मंदिर जहाँ खण्डित शिव की पूजा होती है।
राजसमन्द
              विश्व की सबसे बड़ी प्रशस्ति -राज प्रशस्ति  राजसमंद झील पर है।
   बारां
              ब्रह्मणि माता का एक मात्र मंदिर जहाँ देवी की पीठ की पूजा होती है। सोरसेन
  अजमेर      
              ब्रह्मा जी का  मुख्य मंदिर पुष्कर में है।
  झुंझुनू
             विश्व का सबसे बड़ा सती माता  मंदिर