राजस्थान में संभागीय व्यवस्था 1949 में शुरू हुई उस समय राज्य में 5 संभाग (जयपुर ,जोधपुर ,कोटा ,उदयपुर ,बीकानेर )थे।
1 नवम्बर 1956 में 26 वां जिला अजमेर बना। जयपुर से पृथक कर अजमेर को छठा संभाग बनाया गया।
अप्रेल 1962 में मोहन लाल सुखाड़िया (C.M) ने इस संभागीय व्यवस्था को बंद कर दिया जिसे 26 जनवरी 1987 को हरी देव जोशी (C.M)ने वापिस शुरू कर दिया।
4 जून को वसुन्धरा राजे (C.M) भरतपुर को नया संभाग बनाया।
वर्तमान में 7 संभाग है।
1 नवम्बर 1956 में 26 वां जिला अजमेर बना। जयपुर से पृथक कर अजमेर को छठा संभाग बनाया गया।
अप्रेल 1962 में मोहन लाल सुखाड़िया (C.M) ने इस संभागीय व्यवस्था को बंद कर दिया जिसे 26 जनवरी 1987 को हरी देव जोशी (C.M)ने वापिस शुरू कर दिया।
4 जून को वसुन्धरा राजे (C.M) भरतपुर को नया संभाग बनाया।
वर्तमान में 7 संभाग है।
जयपुर जनसंख्या में सबसे बड़ा
सर्वाधिक जान घनत्व
सर्वाधिक साक्षरता
एक मात्र संभाग जिसमे पांच जिले है।
बीकानेर न्यूनतम नदियाँ
जोधपुर सर्वाधिक क्षेत्र्फल (117801 K.M )
सर्वाधिक दशकीय वृद्धि दर
कम जनसख्या घनत्व न्यूनतम साक्षरता
उदयपुर सर्वाधिक लिंगानुपात
सर्वाधिक अनुसूचित जन जाति
सर्वाधिक कार्यशील जनसंख्या
आकार श्रीलंका के समान
कोटा सर्वाधिक नदियाँ
जनसख्या की में छोटा संभाग
अजमेर केंद्रीय स्थिति वाला संभाग
आकर जम्मू के समान
भरतपुर नवीनतम संभाग
क्षेत्र्फल सबसे छोटा
कम लिंगानुपात
उदयपुर सर्वाधिक लिंगानुपात
सर्वाधिक अनुसूचित जन जाति
सर्वाधिक कार्यशील जनसंख्या
आकार श्रीलंका के समान
कोटा सर्वाधिक नदियाँ
जनसख्या की में छोटा संभाग
अजमेर केंद्रीय स्थिति वाला संभाग
आकर जम्मू के समान
भरतपुर नवीनतम संभाग
क्षेत्र्फल सबसे छोटा
कम लिंगानुपात

No comments:
Post a Comment